दिल पे आए हुए...
दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं,
लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं।
लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं।
आग चाहत की...
नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
बस मेरी तरह चाहे...
उसके लिये तो मैंने यहाँ तक दुआएं की है,
कि कोई उसे चाहे भी तो बस मेरी तरह चाहे।
कि कोई उसे चाहे भी तो बस मेरी तरह चाहे।
तेरी आशिक़ी के गुलाम...
तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।
एक अजनबी पर ऐतबार...
क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते है अपने भी पराए,
जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते है अपने भी पराए,
जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
Love Shayari | लव शायरी |
Reviewed by Unknown
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