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हिंदी में बेवफा शायरी | Bewafa Shayri |

जितना तुम बदले हो...

माना कि मोहब्बत की ये भी एक हकीकत है फिर भी,
जितना तुम बदले हो उतना भी नहीं बदला जाता।

जितना तुम बदले हो शायरी
एडमिन द्वारा दिनाँक 09.12.17 को प्रस्तुत | कमेंट करें

तूने ही सिखाई बेवफाई...

इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है,
देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है,
मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी,
पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी।
 

वो बेवफा न लगे...

न जाने क्या है..? उसकी उदास आंखों में,
वो मुँह छुपा के भी जाये तो बेवफा न लगे।

वो बेवफा न लगे शायरी

अदाओं में बेरुखी...

नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा,
बेरुखी को उनकी अदाओं में देखा,
आँखें नम हुईं और मैं रो पड़ा...
जब अपने को गैरों की बाहों में देखा।

हिंदी में बेवफा शायरी | Bewafa Shayri | हिंदी में बेवफा शायरी | Bewafa Shayri | Reviewed by Unknown on 11:41 Rating: 5
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